जीवन को धर्ममय बनाने का समय चातुर्मास: दिनेश मुनि
शिर्डी 30 जुलाई 2015।
श्रमण संघीय सलाहकार दिनेश मुनि ने कहा कि चातुर्मास का लक्ष्य यही है कि अपने जीवन को संयम पथ पर मोड़ें। बुरी आदतें छोड़कर जीवन को संयमित बनाने का लक्ष्य रखें। तप व आराधना करें। जैन परिवार पढने - लिखने, डिग्रीया हांिसंल करने और व्यवसाय करने में तो श्रावक-श्राविकाएं लगातार आगे बढ़ रहे हैं लेकिन समय नही होने का बहाना करते हुए धर्म के रास्ते से भटक रहे हैं। ऐसे मे सभी जैन समाज के लोग चार महिने गुरूवाणी का लाभ ले और अपने जीवन को परमात्मा के साथ जोडने का महत्वपूर्ण कार्य करे।
वे गुरुवार 30 जुलाई 2015 को महाराष्ट्र प्रांत की धर्म नगरी ‘षिर्डी’ के आचार्य आनंद ऋषि मार्ग स्थित जैन स्थानक में चातुर्मास के प्रथम दिवस पर आयोजिम धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने आगे कहा कि अगर संत केे लिए विहार जरूरी है तो वर्षावास भी जरूरी है। त्याग, संयम और वैराग्य का समय चातुर्मास है। आत्म निरीक्षण, आत्म मंथन का समय चातुर्मास है। समारोह में डॉ. द्वीपेन्द्र मुनि ने चातुर्मास शब्द की सविस्तार व्यख्या करते हुए चातुर्मास के नियमों से जन समुदाय को अवगत कराया और डॉ. पुष्पेन्द्र मुनि ने कहा कि संत जहां से चल देता है वहां सब सूना - सूना हो जाता है और जहां पर पहुंच जाता है वहां सब सोना - सोना हो जाता है। बहता हुआ जल और चलता हुआ संत हमेशा पवित्र होता है।
उल्लेखनीय है कि कल 31 जुलाई को गुरु पुर्णिमा पर विषेष प्रवचन ‘गुरु का जीवन में उपकार’ नामक विषय पर उद्बोधन होगा।
👉प्रतिदिन प्रवचन का समय 9से 10 होगा ।
👉चातुर्मास में आप सपरिवार 👪पधार कर दर्शन, प्रवचन का लाभ लेरावें।🙏
👉चातुर्मास में आप सपरिवार 👪पधार कर दर्शन, प्रवचन का लाभ लेरावें।🙏
निवेदक
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ जैन स्थानक व्दारकामाई के सामने चावडी के सामने
शिर्डी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सम्पर्क सूत्र 📲
पुखराज जी लोढा संघपति शिर्डी
07588514400
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