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Wednesday, July 29, 2015

चातुर्मास पालन करने योग्य नियम : -

जय जिनेन्द्रा मित्रो
[चातुर्मास पालन करने योग्य नियम : -
चातुर्मास के नियम अनेक होते है , आप जो नियम ले वो आपकी स्व्तंत्रता से ले . किसी की प्रेरणा से नियम ले ये अच्छा है . जबरदस्ती से नियम लेना या देना उचित नही है . नियम चार मास के लिये भी हो सकते है . नियम पर्युषण तक के भी हो सकते है . नियम बारह तिथि के लि. ... ये भी हो सकते है . नियम लेने से पहेले खुद की क्षमता और ईच्छा समज़ ले . नियम छोटा हो , थोडे समय का हो तो कोई हरकत नही है . नियम तूटे नही यह ही बडी बात होगी . पांच आचार के विभाग से हम नियम देखेंगे .जो नियम ठीक लगे उसका संकल्प करे ...
ज्ञान - आचार के नियम :-
१. व्याख्यान-श्रवण
२. धार्मिक सद् - वांचन
३. ग्रंथकी पूजा
४. सूत्र को कंठस्थ करना
५. सरस्वती का जाप
६. नमो नाणस्स - पद का जाप
७. ज़ूठे मुख से बोलन| - पढना - लिखना बन्ध .
८. नवकार - लेखन
९. नवकार का जाप
१०. पांच ज्ञान का स्वरूप सीखने का संकल्प ...
दर्शन - आचार के नियम :-
१. प्रभु - दर्शन करना
२. प्रभु - पूजा करना
३. प्रभु - आरती मे उपस्थिति
४. प्रभु समक्ष भक्तामर - पाठ
५. प्रभुकी अंगरचना
६. प्रभु की सन्ध्या - भक्ति
७. प्रभु के नाम की माला
८. प्रभु की सेवा के कार्य
९. गुरु - वन्दन
१०. गुरु - भक्ति
११. गुरुवचन का श्रवण एवं पालन
चारित्र - आचार के नियम :-
१. सामायिक करना
२. प्रतिक्रमण करना
३. पौषध करना
४. बारिश मे बाहर न नीकलना
५. दिन मे एक बार ही स्नान
६. वाहन का त्याग
७. चप्पल का त्याग
८. गद्दी - पलंग छोडकर संथारे पर सोना
९. ब्रह्मचर्य का पालन
१०. टीवी - विडियो - थियेटर - रेडियो का त्याग
११. अश्लील साहित्य - दृश्य का त्याग ...
तप - आचार के नियम :-
१. नवकारसी - पोरिसि आदि का पालन
२. चोविहार - तिविहार आदि का पालन
३. पर्युषण के पूर्व एक तपस्या की आराधना
४. लीलोतरी का त्याग
५. मीठाई का त्याग
६. फ्रूट का त्याग
७. एकासणा - बियासणा - आंबेल आदि यथा संभव
८. मासक्षमण - अट्ठाई - अट्ठम आदि यथा संभव
९. तपस्वी की भक्ति ...
वीर्याचार के नियम :-
१. सामूहिक अनुष्ठान मे जुडना
२. संघ की प्रवृत्ति मे जुडना
३. आर्थिक सहयोग देना
४. नियमित धर्म पालन करना ..

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