निहार कर छवि जिनेन्द्र देव की
खुद को देख लेना
नश्वर सा लगेगा सब कुछ
कभी चिंतन करके देख लेना
पराकाष्ठा त्याग की जब एक
धागा भी परिग्रह लगता हे
कभी कमंडल पिच्छी वाले
चलते फिरते सि द्धो के संग रह कर
देख लेंना
आसान हे जन्म से जैन बन जाना
कभी आचरण से जैन बनने की कोशिश
करके भी देख लेना
खुद को देख लेना
नश्वर सा लगेगा सब कुछ
कभी चिंतन करके देख लेना
पराकाष्ठा त्याग की जब एक
धागा भी परिग्रह लगता हे
कभी कमंडल पिच्छी वाले
चलते फिरते सि द्धो के संग रह कर
देख लेंना
आसान हे जन्म से जैन बन जाना
कभी आचरण से जैन बनने की कोशिश
करके भी देख लेना
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